सुप्रसिद्ध गायिका स्व. लता मंगेशकर का जीवन परिचय और कुछ अनछुए पहलू एक नजर में
बॉलीवुड , 06-02-2022 10:10:36 PM


मुम्बई 06 फरवरी 2022 - महान गायिका लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी थिएटर एक्टर, म्यूजिशियन और वोकलिस्ट थे। इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक भी थे इसलिए संगीत इन्हें विरासत में मिली। लता मंगेशकर का पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था।
लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर म्यूजिक डायरेक्टर थे। लता मंगेशकर की बहन का नाम उषा मंगेशकर, आशा भोसले और मीना खादिकर तीनों ही प्लेबैक सिंगर हैं। लता मंगेशकर ने शादी नहीं की लेकिन उनका नाम भूपेन हजारिका के साथ कई बार जोड़ा गया। उन्हें भारतीय सिनेमा की महानतम गायिकाओं में से एक माना जाता है और उन्हें 2001 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से समानित किया गया था। 1974 में लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे अधिक गाने गाने वाली गायिका के रूप में दर्ज हो चुका है।
लता मंगेशकर करियर
लता मंगेशकर ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में 30 हजार से अधिक गाने गाए। वह भारत ही नहीं विश्व की सबसे प्रसिद्ध और सबसे सम्मानित पार्श्व गायकों में शामिल रहीं। संगीत की पहली शिक्षा उन्हें अपने पिता से मिली। जब वह पांच साल की थी, तब लता ने अपने पिता के नाटकों में एक अभिनेत्री के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। 13 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने 1942 में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने वसंत जोगलेकर की मराठी फिल्म किटी हसाल के लिए अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया।
लता जी को सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है। लता जी की प्रतिभा को पहचान मिली 1947 में जब फिल्म आपकी सेवा में उन्हें एक गीत गाने का मौक़ा मिला। अनिल बिस्वास, सलिल चौधरी, शंकर जयकिशन, एस. डी. बर्मन, आर. डी. बर्मन, नौशाद, मदनमोहन, सी. रामचंद्र इत्यादि सभी संगीतकारों ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना।
लता मंगेशकर के गाने
लता जी ने दो आंखें बारह हाथ, दो बीघा ज़मीन, मदर इंडिया, मुगल ए आज़म आदि फिल्मों में गाने गाये है। “महल”, “बरसात”, “एक थी लड़की”, “बडी बहन” आदि फिल्मों में अपनी आवाज के जादू से इन फिल्मों को लोकप्रियता बनाया। उनके कुछ प्रसिद्ध गीत थे- “ओ सजना बरखा बहार आई” (परख-1960), “आजा रे परदेसी” (मधुमती-1958), “इतना ना मुझसे तू प्यार बढा़” (छाया- 1961), “अल्ला तेरो नाम”, (हम दोनों-1961), “एहसान तेरा होगा मुझ पर”, (जंगली-1961), “ये समां” (जब जब फूल खिले-1965)।
पुरस्कार
01 - फिल्मफेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
02 - राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
03 - 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
04 - 1989 में उन्हें फ़िल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ दिया गया।
05 - 1993 में फिल्मफेयर के 'लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
06 - 1996 में स्क्रीन के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
07 - 1997 में 'राजीव गांधी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
08 - 1999 में पद्मविभूषण, एन.टी.आर. और ज़ी सिने के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
09 - 2000 में आई. आई. ए. एफ.(आइफ़ा) के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
10 - 2001 में स्टारडस्ट के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार', नूरजहांं पुरस्कार, महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
11 - 2001 में भारत सरकार ने आपकी उपलब्धियों को सम्मान देते हुए देश के सर्वोच्च पुरस्कार “भारत रत्न” से आपको विभूषित किया।